कुछ तो लोग कहेगें…..
भाजपा नेता, कांग्रेसी नेता, अकाली नेता, बसपा नेता, सपा नेता सहित और भी कई ऐसे नाम आपने सुने होंगे। हर पार्टी के नेता को अधिकतर पार्टी के साथ ही जुड़े नाम से पुकारा जाता है। पर कुछ नेता ऐसे होते हैं जो राजनीति में रहते हुए एक अलग ही नाम से पुकारे जाते हैं। जैसे हमारे जालंधर से एक भाजपा नेता ऐसे है कि जब वो राजनीति में सक्रिय हुए तो उन्होंने बहुत धरने लगाए थे जिस कारण उनका नाम ही “धरना नेता या धरना मंत्री” पड़ गया था। कुछ साल पहले भाजपा से होते हुए पंजाब कांग्रेस मैं आए एक कांग्रेसी नेता जो “ठोको ताली नेता” के नाम से मशहूर हो गए, एक पार्टी के सुप्रीमो को तो पंजाब के लोग व राजनेता “गप्पी नेता” के नाम से भी पुकारते है, अभी कुछ महीने पहले भी पंजाब सत्ता के सब से बड़े पद पर पैराशूट से एंट्री कर राज करने वाले नेता को “मसले हल नेता” के साथ-साथ “सभी कामो को भली प्रकार कर लेने वाला नेता” के नाम से भी जनता द्वारा नवाजा गया, चंद महीने राज करने वाले इस नेता को खुले मन से पंजाब का खजाना लुटाने पर उन्हें “दानवीर कर्ण नेता” के नाम से भी पुकारा जाने लगा। ऐसे ओर भी बहुत से है नेता हैं जिन्होंने अपनी बातों, काम ओर हरकतों की वजह से राजनीति में अपनी एक अलग पहचान बनाई हैं।
आप सोच रहे होंगे कि मैं यह बातें आपको क्यों बता रहा हूं, वह इसलिए कि आजकल पंजाब की राजनीति में एक और नेता जी अपना नाम चमका रहे हैं, जिन्हें जनता “घोषणा नेता या घोषणा मंत्री” के नाम से पुकार रही हैं। पंजाब में उनकी सरकार बने 1 महीने से ज्यादा हो गया है परंतु अभी तक घोषणा पर घोषणा, घोषणा पर घोषणा करने के इलावा उन्होंने और कोई काम नहीं किया। जो घोषणाएं उन्होंने विधानसभा चुनावों में जनता के साथ की थी जो वायदे पूरे करने की कसमें खाई थी वह आज भी पूरी नहीं हुई है, कुछ हुआ है तो वह सिर्फ घोषणाएं हैं। जो वायदे उन्होंने किए थे उनमें से कुछ वायदे पूरे करने की उन्होंने तारीखें जारी कर दी है पर अभी तक कोई भी स्कीम लागू नहीं हुई। इसलिए लोगो को तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख देते हुए देख लोग अब उन्हें घोषणा मंत्री से या घोषणा नेता से “तारीख मंत्री या तारीख नेता” का नाम से नवाज़ रहे है। अगर आपको पता चल गया हो कि मैं किस नेता जी की बात कर रहा हूं तो कृपया जवाब (कमेंट) जरूर दें और इस पोस्ट को ज्यादा दिल पर ना लें, इसे सिर्फ पढ़े और इंजॉय करें, जैसे वह नेता जी इस समय सत्ता का हनीमून इंजॉय कर रहे हैं। बाकी फिर कभी….
टिंकू पंडित की कलम से✍️