भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने के बाद टेंडर को कर दिया गया था रद्द
नई दिल्ली,11 सितंबर:- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में चल रही आम आदमी पार्टी की सरकार एक बार फिर से भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरती हुई नजर आ रही है। आबकारी नीति पर घिरे दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बाद दिल्ली में डीटीसी की लो फ्लोर 1000 बसों की खरीद में हुई अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के मामले में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने जांच के आदेश जारी किए हैं।
बता दें कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के खिलाफ अब परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप पर सीबीआई जांच की सिफारिश हो गई है। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने CBI जांच की सिफारिश कर दी है। 1000 डीटीसी लो फ्लोर बस खरीद मामले में अब सीबीआई की जांच होगी। एलजी सचिवालय को जून 2022 में मामले में भ्रष्टाचार की शिकायत मिली थी।
ज्ञात रहें कि टेंडरिंग एंड प्रोक्योरमेंट कमेटी में मंत्री कैलाश गहलोत को चैयरमेन बनाने और DIMTS को मैनेजमेंट कंसलटेंट की जिम्मेदारी देने के मामले में अनियमितता की शिकायत की गई थी। 1,000 लो फ्लोर डीटीसी बसों की जुलाई 2019 में खरीद और BS VI बसों की एनुअल मेंटेनेंस का कॉन्ट्रैक्ट मार्च 2020 में होना था। जून 2022 में एलजी से शिकायत के बाद जुलाई 2022 में सीएस को जांच के लिए शिकायत भेजी गई थी।
शिकायत मिलने पर रद्द हुए थे टेंडर
आप को बतादे कि भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद टेंडर को रद्द कर दिया गया था। सीएस की रिपोर्ट में टेंडर प्रोसेस में अनियमितता, CVC के दिशानिर्देश और जनरल फाइनेंसियल रूल्स के उल्लंघन का आरोप है। इस मामले में 3 सदस्यों की रिटायर्ड आईएएस ओपी अग्रवाल की अध्यक्षता में कमेटी भी गठित हुई थी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार पहले से ही आबकारी नीति में शराब ठेकेदारों से मिलीभगत के आरोपों में घिरी हुई है और अब दिल्ली परिवहन विभाग पर डीटीसी लो फ्लोर बस खरीद मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगे है। आने वाले दिनों में देखने जाओगे यह बात होगी कि सीबीआई की जांच में क्या निकल कर आता है।