लघु उद्योग भारती जालन्धर के अध्यक्ष विवेक राठौर व अन्य पदाधिकारी मुख्यवक्ता शांत गुप्ता का पुष्पित अभिनंदन करते हुए।
जालन्धर, 01 दिसंबर (टिंकू पंडित)- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास (एम एस एम ई डी) अधिनियम 2006-विलंबित भुगतान वसूली का सशक्त माध्यम है, इसके लिए जागरूकता जरूरी है। उक्त शब्द सूक्ष्म और लघु उद्यम सुविधा परिषद के सदस्य व जालंधर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के संयुक्त सचिव शांत गुप्ता ने लघु उद्योग भारती की मासिक बैठक के दौरान उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहे।
जिला अध्यक्ष विवेक राठौर के सानिध्य में सम्पन्न हुई बैठक में शांत गुप्ता ने कहा कि उक्त अधिनियम के अंतर्गत शिकायतकर्ता के पास उद्यम पंजीकरण प्रमाण पत्र होना चाहिए। किसी भी सामान या सेवाओं के खरीदार के लिए 45 दिनों की क्रेडिट अवधि निर्दिष्ट करता है। विलंबित भुगतान विवादों को निपटाने के लिए राज्य सरकारों को सूक्ष्म और लघु उद्यम सुविधा परिषद की स्थापना करनी होगी। अगर एम एस एम ई को भुगतान में 45 दिनों से अधिक की देरी होती है तो खरीदार को आर बी आई द्वारा अधिसूचित दर के तीन गुना पर मासिक आधार पर चक्रवृद्धि ब्याज का भुगतान करना होगा। समाधान वेब पोर्टल पर खरीदार / डीलर के विरुद्ध आपूर्तिकर्ता द्वारा एक सरल ऑनलाइन आवेदन करना होता है। प्रस्तुत किया जा सकता है । ऐसे मामले परिषद द्वारा आवेदन जमा करने की तिथि से 90 दिनों के भीतर तय किए जाते हैं। निर्णय के विरुद्ध कोई भी अपील प्रभावित पक्ष द्वारा उच्च न्यायालय में तभी दायर की जा सकती है जब वह कुल राशि का 75 प्रतिशत जमा करने के लिए तैयार हो। इसके अतिरिक्त स्थितियों के अनुरूप विभिन्न औपचारिकताओ के बारे में भी विस्तृत चर्चा की गई। मुख्य वक्ता द्वारा उक्त अधिनियम को सरलता से समझाने के लिए पूर्व अध्यक्ष हरीश गुप्ता ने धन्यवाद दिया। अध्यक्ष विवेक राठौर ने सभी प्रतिभागियों को इस तरह के ज्ञानवर्धक सत्र में भाग लेना चाहिए । आपसी संवाद से कई समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है।
समारोह संयोजन में अनुज कपूर, अनिरुद्ध धीर ,
उत्तम चड्ढा, वरुण भल्ला , मनोहर धवन , आशीष शर्मा , भरत मल्होत्रा , ललित भल्ला , अमित दुग्गल , सुमित दुग्गल , संजीव कुमार , पीयूष सेठ , भरत मल्होत्रा , सुनील शर्मा , अभय गोस्वामी , फूल सिंह शेखावत , मंगल सिंह , अजय कुमार , तजिंदर जुनेजा व अन्य गणमान्य ने अपना सक्रिय सहयोग दिया।