आम आदमी पार्टी से लोकसभा उपचुनाव के उम्मीदवार सुशील रिंकू को लग सकता है बड़ा झटका
जालंधर, 16 अप्रैल (टिंकू पंडित):- लोकसभा उपचुनाव के दौरान भाजपा कांग्रेस व अकाली दल से कोई ना कोई नेता अपनी पार्टी को छोड़ आम आदमी पार्टी मैं शामिल हो रहा है। इसी राजनीतिक उठापटक के चलते अब एक और बड़ा राजनीतिक धमाका जालन्धर में होने जा रहा है।
विधानसभा चुनावों में अपने अकेले दम पर ही गुमनाम चेहरे रमन अरोड़ा को विधायक की कुर्सी दिलवाने वाले आप नेता, भगवान वाल्मीकि उत्सव कमेटी के पंजाब प्रधान और समाज सेवक विपन सभ्रवाल आम आदमी पार्टी छोड़कर जल्द ही भाजपा का दामन थाम सकते हैं। उनके साथ गत निगम चुनावों में बिना किसी राजनीतिक पार्टी के नाम के चुनाव लड़ कर शहर भर में अपनी धाक जमाने वाले चेतन हांडा भी भाजपा में जाने की तैयारी कर रहे हैं।
विपन सभ्रवाल और चेतन हांडा के भाजपा में शामिल होने के बाद राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। भाजपा के प्रत्याशी इंदर इकबाल सिंह अटवाल को सीधा फायदा पहुंच सकता है। वहीं आप प्रत्याशी सुशील रिंकू को चुनावों में हार का मुंह देखना पड़ सकता है। विपन सभ्रवाल ने विधानसभा चुनावों में रमन अरोड़ा को अप्रत्याशित जीत दिलवाई थी। रमन अरोड़ा को आम आदमी पार्टी की तरफ से जीतना तो दूर टिकट भी नहीं मिल पा रही थी। विपन सभ्रवाल ने आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल से बात कर उनको ना सिर्फ टिकट दिलवाई बल्कि एक बड़ी जीत भी दिलवाई। यही नहीं वेस्ट में शीतल अंगुराल को भी जिताने में विपन सभ्रवाल का बड़ा योगदान रहा था।
आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी इसके चलते चेतन हांडा और विपन सभ्रवाल की पीठ थपथपाई थी। बीते कुछ समय से विपन सभ्रवाल आम आदमी पार्टी की नीतियों से खफा चल रहे थे। जानकारी के मुताबिक जल्द ही भाजपा का कोई बड़ा नेता विपन और चेतन को भगवा पहनाकर अटवाल की जीत पर मुहर लगा सकता है
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50,000 से ज्यादा वोट हैं विपिन सभ्रवाल के पास
भगवान वाल्मीकि शोभायात्रा और अमृतसर में भगवान वाल्मीकि तीर्थ स्थान के लिए यात्रा निकालने वाले भगवान वाल्मीकि उत्सव समिति के प्रधान विपन सभ्रवाल और उनके साथी चेतन हांडा एक लाख से ज्यादा वोट प्रभावित करने का दम रखते हैं। शोभा यात्रा के दौरान उनके मंच पर राजनीति से जुड़ा हर आदमी आने को लालायित रहता है। वहीं अमृतसर में भगवान वाल्मीकि तीर्थ के लिए पांच सौ से ज्यादा बसें यात्रियों से भरकर भेजने वाले विपन सभ्रवाल शहर की किसी भी सीट को जिताने या हराने की क्षमता रखते हैं। यदि वह भाजपा का दामन थाम लेते हैं तो आम आदमी पार्टी को सबसे ज्यादा धक्का लगेगा।