माँ को पीले फूल और पीला नैवेद्य अर्पित करें, माँ को शहद अर्पित करना शुभ होता है
जालंधर से टिंकू पंडित की रिपोट:-
चैत्र नवरात्रि के छठे दिन यानी 07अप्रैल 2022 को माँ दुर्गा शक्ति के छठे स्वरूप माँ कात्यायनी देवी की पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार देवी ने कात्यायन ऋषि के घर में जन्म लिया था इस कारण इनका नाम कात्यायनी पड़ गया। मां कात्यायनी अमोघ फलदायिनी मानी गई हैं।शिक्षा ग्रहण कर रहे मस्त बच्चों को माता जी की उपासना करनी चाहिए। यदि आपके विवाह में कोई रुकावट आ रही है, अगर आपको कालसर्प दोष है तो आपको मां कात्यानी की आराधना जरूर करनी चाहिए। इनकी आराधना करने से आपकी सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी। इसलिए मां कात्यानी का ध्यान करते हुए नीचे लिखे मंत्र का जाप करें
या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
माँ कात्यायनी का स्वरूप
दिव्य रुपा कात्यायनी देवी का शरीर सोने के समाना चमकीला है। चार भुजा धारी मां कात्यायनी सिंह पर सवार हैं। अपने एक हाथ में तलवार और दूसरे में अपना प्रिय पुष्प कमल लिए हुए हैं। अन्य दो हाथ वरमुद्रा और अभयमुद्रा में हैं।
कैसे करें मां कात्यायनी का पूजा-पाठ
सुबह सवेरे जल्दी उठकर सबसे पहले गंगाजल से स्नान कर के पीले या लाल वस्त्र धारण कर मां कात्यानी की पूजा करनी चाहिए।
माँ को पीले फूल और पीला नैवेद्य अर्पित करें, माँ को शहद अर्पित करना शुभ होता है।
मां को सुगन्धित पुष्प अर्पित करने से शीघ्र विवाह के योग बनेंगे साथ ही प्रेम सम्बन्धी बाधाएं भी दूर होंगी। शिक्षा प्राप्ति के लिए भी मां कात्यानी की पूजा पाठ करना अति उत्तम है। हाथ में पीले व लाल फूलों को लेकर निम्नलिखित मंत्र का जाप करें
चंद्र हासोज्ज वलकरा शार्दू लवर वाहना|
कात्यायनी शुभं दद्या देवी दानव घातिनि||
मां कात्यानी को क्या लगाएं भोग
मां कात्यानी को शहद बहुत प्रिय है। इसलिए नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यानी को शहद का भोग लगाना चाहिए।