अष्टमी तिथि को मां गौरी को नारियल का भोग लगाना शुभ माना जाता है
जालंधर,09अप्रैल-(टिंकू पंडित):- आज दिन शनिवार को चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन है। नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा का विधान है। मान्यता है कि दुर्गाष्टमी के दिन मां महागौरी की विधि-विधान से पूजा करने से भक्तों के कष्ट दूर होते जाते है और मां दुर्गा सब मनोकामनाएं पूरी करती हैं। नवरात्रि की अष्टमी तिथि को कन्या पूजन भी किया जाता है।मान्यता है कि अष्टमी व नवमी तिथि में कन्या पूजन करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
मां महागौरी का स्वरूप
माता का रंग अत्यंत गोरा है, इसलिए इन्हें महागौरी के नाम से जाना जाता हैं। शास्त्रों के अनुसार, मां महागौरी ने कठिन तप कर गौर वर्ण प्राप्त किया था। इसीलिए इन्हें महागौरी माता कहा जाता है। मान्यता है कि मां महागौरी भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं और उनके बिगड़े कामों को पूरा करती हैं। मां गौरी शिव को अति प्रिय है। इस देना शिव और गौरी की पूजा आराधना करनी चाहिए। इस दिस शुभ दिन मां गौरी की पूजा आराधना करते हुए नीचे लिखे मंत्र का जाप करना चाहिए…
या देवी सर्वभूतेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
क्या लगाए भोग
नवरात्रि की अष्टमी तिथि को मां गौरी को नारियल का भोग लगाना शुभ माना जाता है। भोग लगाने के बाद नारियल भक्तजनों में को प्रसाद के रूप में वितरण कर दें।
कन्या पूजन की विधि
माँ के भक्त आज के दिन कन्या पूजन भी करते है। कन्या पूजन में काले चने, चावल व हलवा-पूड़ी का प्रसाद विशेष रूप से बनाया जाता है। महागौरी को गायन और संगती अति प्रिय है। इस लिए अष्टमी के दिन घर मे माता की भेटें व भजन गाने व सुनने चाहिए। भक्तों को पूजा करते समय गुलाबी रंग के वस्त्र पहनना चाहिए। इस दिन कंजकों को घर बुलाकर सबसे पहले उनके चरण धोने चाहिए, फिर उन्हें आसन देकर वहां बिठाना चाहिए, उसके बाद उन्हें मौली बांधे व तिलक लगाना चाहिए। फिर घर में तैयार किए हुए चने, चावल, हलवा-पूरी यह सब वस्तुओं का भोग मां को लगाकर यथाशक्ति दक्षिणा के साथ कंजको को परोसे। कंजको को भोग लगाने के पश्चात उनके चरणस्पर्श कर उनका आशीर्वाद लें। कंजक पूजन करने से मां गौरी अति प्रसन्न होती है व अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती है।