पंजाब सरकार द्वारा समय पर अनाज ना बांटने पर केंद्र सरकार ने की-कि थी खिंचाई
जालंधर,15 अप्रैल (टिंकू पंडित):- पंजाब में आम आदमी पार्टी की बनी सरकार ने चुनावों के दौरान और चुनावों के बाद बहुत सारी घोषणाएं की परंतु इन घोषणाओं में से कोई भी काम धरातल पर होता नजर नहीं आ रहा। यदि सरकार किसी स्कीम को लागू करती भी है तो उसमें इतनी कमियां हैं कि लागू होने से पहले ही उस दिन का विरोध शुरू हो जाता है। अब पंजाब में राशन डिपुओं पर राष्ट्रीय खुराक सुरक्षा एक्ट के तहत वितरित की जानी वाली गेंहू को घर-घर पहुंचाने की घोषणा के बाद पंजाब सरकार गेंहू की बजाए आटा वितरित करने की तैयारी कर रही है।जानकारी के अनुसार खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा आटा चक्की, फ़ॉलोर मिल के पास आटा पीसकर 5 किलो और 10 किलो की पैकिंग करने सबंधी रुचि रखने वाले आटा चक्की और फ़ॉलोर मिल मालिकों को बुलाया है। मिल मालिक इस सबन्ध में विभाग की और से जारी किए गए प्रोफार्मे में अपनी जानकारी भर कर मेल कर सकते है या अनाज भवन चंडीगढ़ दफ्तर में पहुंचाने के लिए कहा गया है। इस सबंध में खुराक सप्लाई खप्तकार मामले पंजाब की और से बड़ी फ़ॉलोर मिल जा आटा चक्कियों को आमंत्रित किया गया है।जो कम से कम मीट्रिक टन रोज़ाना आटे की पिसाई कर सके। जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय खुराक सुरक्षा एक्ट 2013 के तहत पंजाब में तकरीबन 40 लाख लाभपात्री है। जिनको 18 हज़ार के करीब सरकारी दुकानें राशन डिपुओं के माध्यम से गेंहू की सप्लाई कर रही है।
पंजाब सरकार द्वारा समय पर अनाज ना बांटने पर केंद्र सरकार ने की-कि थी खिंचाई। राष्ट्रीय खुराक सुरक्षा एक्ट के तहत लाभपात्रीयो को प्रति सदस्य हर माह 5 किलो गेंहू दिया जाता है। पंजाब में एक घर के एक मेंबर को 3 महीने की इकठी गेंहू दी जाती है। जिसकी कीमत 2 रु प्रति किलो है।
गेंहु की जगह आटा मिलने की खबर आते ही लोगो ने किया सरकार का विरोध
पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार जब से सत्ता में आई है तबसे मुख्यमंत्री द्वारा लगातार अलग-अलग घोषणाए की जा रही है।जिनमे से एक घोषणा घर-घर राशन पहुंचाने की भी की गई है। लोगो ने इस घोषणा पर मुख्यमंत्री भगवंत मान का जहाँ स्वागत किया वहीं लोगो ने इसका वरोध भी किया। लोगो का कहना है कि हम मेहनत मजदूरी करने वाले लोग है तो हमारे पीछे जब गेंहु लेकर कोई घर आ जाएगा तो हम वो कैसे ले पाएंगे । अभी तो यह घोषणा बीच ही थी कि अचानक गेंहु की जगह पर सरकार ने घर के हर एक सदस्य को 5 किलो आटा देने की घोषणा कर दी और बड़ी मिलो वालो को इसके टेंडर भरने के लिए घोषणा भी कर दी।जहाँ डिपो होल्डरों का रोटी रोज़ी बंद होगी वही छोटी चक्की वालो का भी बहुत बुरा हाल होगा। अचानक घर-घर आटा पहुंचाने की घोषणा ने छोटी चक्की वालो की रात की नींद उड़ा दी है और लाभपात्रीयो ने आटा शुरू होने से पहले ही सरकार के खिलाफ मोर्चा लगाने की धमकी दे दी। लोगो का केहना है कि सरकार घर-घर मे जो आटा भेजेगी पर बरसात के दिनों में उसमें कीड़े पड़ जाने की संभावना भी है, जिससे हमारी सेहत भी खराब हो सकती है। आप सरकार ने गरीबो को राशन तो क्या देना है उल्टा जो उनको गेंहु मिलती थी वो भी बंद करने में तुली हुई है। इन्ही कारणों के कारण सरकार को नगर निगम चुनाव में लोगो के गुस्से का सामना करना पड़ेगा।