कांग्रेस के बाद अब भाजपा में हुई बगावत, चार पार्षदों सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने छोड़ी पार्टी, बागी हुए नेता थाम सकते है आम आदमी पार्टी का दामन

जालंधर भाजपा के अध्यक्ष पार्टी में लोकतंत्र से नहीं बल्कि एकतंत्र के साथ काम कर रहे हैं। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को लगाया जा रहा है खुड्डेलाइन :- विनीत धीर

जालन्धर, 10 सितम्बर (टिंकू पंडित):- निगम चुनावों के नजदीक आते देख नेताओं द्वारा की जा रही दल बदल की राजनीति अब जोरों पर है। जहां कुछ दिन पहले आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस में सेंध लगाते हुए कांग्रेस को कई बड़े झटके दिए वही अब झटके खाने की बारी भाजपा की है। महानगर में निगम चुनाव से पहले सभी पार्टियों ने कमर कसनी शुरू कर दी है। बीते दिनों डिप्टी मेयर हरसिमरत जीत सिंह बंटी सहित कई नेताओं को आप पार्टी ज्वाइन की थी। वहीं अब आप पार्टी ने भाजपा को बड़ा झटका देते हुए 4 पार्षदों सहित कई नामवर नेताओं को पार्टी ज्वाइन करवाने की तैयारी शुरू कर दी है। दरअसल, बीते दिन भाजपा के 4 पार्षदों सहित शहर के कई नामवर नेताओं ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है।

वार्ड नंबर 77 से पार्षद श्वेता धीर, वार्ड नंबर 41 से पार्षद अनीता और वार्ड नंबर 40 से पार्षद विरेश मिंटू औऱ पार्षद चंद्रजीत कौर संधा ने भाजपा को अलविदा कह दिया है। इसके अलावा पार्षद श्वेता धीर के पति विनीत धीर, पार्षद अनीता के पति प्रभदयाल, जालंधर वेस्ट भाजपा मंडल नौ के अध्यक्ष सौरभ सेठ, भाजपा नेता और पार्टी का सिख चेहरा एडवोकेट अमित संधा, नगर निगम चुनाव में
जालंधर वेस्ट से कैंडिडेट रही जितेंद्र कौर भगत और उनके पति धीरज भगत ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
कई अहम पदों पर रहे विनीत धीर और उनकी पत्नी वार्ड नंबर 77 की पार्षद श्वेता धीर ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने पार्टी की प्राथमिकता से त्यागपत्र पार्टी द्वारा उनकी अनदेखी करने व मान सम्मान ना मिलने के आरोप लगाए व पार्टी के उच्च अधिकारियों के व्यवहार से दुखी होकर दिया है। त्यागपत्र में दोनों पति-पत्नी ने भाजपा जालंधर के प्रधान सुशील शर्मा पर पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। दोनों पति-पत्नी ने अपने त्यागपत्र पंजाब के प्रधान अश्विनी शर्मा को भेजा है। त्यागपत्र में उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में लोकतंत्र नहीं बल्कि एकतंत्र है। एक ही व्यक्ति का राज है। यहां पर किसी भी धरातल से जुड़े कार्यकर्ता की कोई वैल्यू नहीं है। उन्हें हर कार्यक्रम में नकारा जाता है। उसका कहीं पर भी कोई साथ नहीं दिया जाता।
विनीत धीर ने पंजाब प्रदेश भाजपा के प्रधान अश्विनी शर्मा को भेजे त्यागपत्र में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता ही छोड़ देने का जिक्र करते हुए लिखा है कि उन्होंने पिछले कई सालों से पार्टी के विभिन्न पदों पर रहते हुए पार्टी की सेवा की है। विनीत धीर ने लिखा है कि वह जालंधर इंडस्ट्रीयल सेल के अध्यक्ष रहे, जालंधर वेस्ट विधानसभा क्षेत्र के मंडल अध्यक्ष रहे, भाजपा की कार्यकारिणी के सदस्य हैं और पिछले पांच साल से उनकी पत्नी वार्ड नंबर 77 से नगर निगम में पार्षद हैं।
2017 में विपरीत परिस्थितियों में भी उन्होंने जालंधर नगर निगम के चुनाव में भारी मतों से जीत हासिल की। निगम में विपक्षी होने के कारण उन्हें कई दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा। उनके खिलाफ राजनीतिक द्वेष में चार एफआईआर भी दर्ज हुईं। लेकिन हैरानी की बात है कि पार्टी के स्तर पर उनका किसी ने साथ नहीं दिया, लेकिन वह फिर भी निडरता के साथ लोगों की सेवा में ईमानदारी के साथ जुटे रहे। लेकिन पिछले दो वर्षों से पार्टी में उन्हें और उनकी पत्नी को नीचा दिखाने की कोशिश की जा रही है। यह तब से शुरु हुआ है जब से प्रधान पद सुशील शर्मा के पास गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जालंधर भाजपा के अध्यक्ष पार्टी में लोकतंत्र से नहीं बल्कि एकतंत्र के साथ काम कर रहे हैं। उन्हें किसी भी कार्यक्रम की कोई सूचना नहीं दी जाती है। उन्हें पार्टी में खुड्डेलाइन लगाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह हाल सिर्फ उनका ही नहीं है बल्कि कुछ एक को छोड़कर जितने भी भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ता हैं उन सभी का हाल यही है। सभी पार्टी में घुटन महसूस कर रहे हैं।

उन्होंने अपने त्यागपत्र में लिखा है कि पार्टी के जिला प्रधान सुशील शर्मा अहंकार से भरे हुए हैं। उन्हें पार्टी से कोई मतलब नहीं है। वह अकेले अपनी राजनीति चमकाने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि काबिलियत के हिसाब से न वरिष्ठों के पार्टी के फैसलों में राय ली जाती है और न ही पार्टी में कार्यकर्ताओं को योग्य सम्मान ही दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह और उनकी पत्नी भारी मन के साथ पार्टी को अलविदा कह रहे हैं।

बीते दिनों भाजपा द्वारा अपने तो बदल दिए गए हैं परंतु उनके साथ साथ पंजाब में अपनी साख को और मजबूत करने के पंजाब भाजपा के शीर्ष नेतृत्व मैं कई और बदला भी करने पड़ेंगे।

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