ज्योतिष के मानवीय जीवन पर सार्थक प्रभाव के लिए सही आँकलन व शोध जरूरी – अक्षय शर्मा
जालन्धर, 23 दिसंबर (टिंकू पंडित):- अखिल भारतीय सरस्वती ज्योतिष मंच (रजि) द्वारा 71वे अखिल भारतीय ज्योतिष सम्मेलन का शुभारम्भ पर पवित्र ज्योति प्रज्वलन व मंगलाचरण के साथ हुआ। इस अवसर अखिल भारतीय सरस्वती ज्योतिष मंच के संस्थापक अध्यक्ष व संचालक पंडित राजीव शर्मा, वैदिक ज्योतिष विशेषज्ञ अजय भाम्बी, अनिल वत्स, संरक्षक विक्रान्त शर्मा, पंडित अक्षय शर्मा, पंडित विपन शर्मा (ज्वाली), राकेश डागर, शिवाले दादा, लोकेश धमीजा, गीतांजलि शर्मा, मीनू शर्मा , राज कुँवर, सिहाग दारा सिंह,अनामिका गाबा,रश्मि गुप्ता, रुचि तंवर व अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
सम्मेलन के प्रथम सत्र की अध्यक्षता करते हुए वैदिक ज्योतिष विशेषज्ञ अजय भाम्बी ने कहा कि बुध को ग्रहों का राजकुमार माना गया हैं। अगर कुंडली में बुध की स्थिति सही हो तो जीवन में कभी किसी चीज की कमी का सामना नहीं करना पड़ता। बुध के अच्छा होने से व्यक्ति जन संपर्क में व्यवहार कुशल, दार्शनिक, शिक्षक,लेखक, व्यंग्यकार, गणितज्ञ, संचार माध्यमो के संचालन में निपुण, अभिनय कार्यों में निपुण होता है। आधुनिक परिप्रेक्ष्य में ग्रहों के सही लाभ के लिए समयानुकूल आंकलन भी आवश्यक है।
मंच के संस्थापक अध्यक्ष व संचालक पंडित राजीव शर्मा ने कहा कि ज्योतिष धर्म की सार्थकता व समयानुकूल आवश्यकता है। भारत की वर्तमान स्थिति के चलते धर्म और राष्ट्रोत्थान कार्यो में सभी की सहभागिता से विश्व मे भारत की साख बढ़ी है।
मंच संचालन करते हुए पंडित अक्षय शर्मा ने कहा कि हर ग्रह का मानवीय जीवन पर समयानुकूल प्रभाव व दुष्प्रभाव होता है, जरूरत उसके सही आँकलन, मनन और अधिकाधिक शोध कार्य करने की है। उन्होंने विभिन्न विद्वानों के शब्दों के सूक्ष्म विवेचन करते हुए सम्मेलन की सार्थकता प्रदान की।
आगामी 24 दिसम्बर तक स्थानीय होटल रीजेंट पार्क, गुजराल नगर, टी. वी. सेंटर के पीछे, जालंधर में चलने वाले इस ज्ञानवर्धक सम्मेलन के दौरान आज राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त ज्योतिषाचार्य, ज्योतिष जिज्ञासु, लाल किताब विशेषज्ञ, कर्मकांडी, वास्तु, रंग, रत्न विशेषज्ञ, लेखक व अन्य बुद्धिजीवियों का पुष्पित अभिनंदन किया गया।
इस सम्मेलन के दौरान लाल किताब अमृत के संचालक पंडित जी ड़ी वशिष्ठ, गगन पाठक, एस. एल मल्होत्रा, सतबीर कासवान व अन्य विभिन्न विषयों पर अपने शोधपत्रों के माध्यम से चर्चा करेगे। इस दौरान विभिन्न विषयों की तथ्यात्मक विवेचना भी की जायेगी। मंगलाचारण के अवसर पर आचार्या कैलाश चमोली, पं.भोला नाथ द्विवेदी,पं. गौतम द्विवेदी, पं. सुनील शर्मा, राकेश जैन, जतिंदर कपूर, सुमनिंदर कपिला, कुसुम लता, धमेन्द्र दुबे, विक्रांत शर्मा व अन्य कर्मकाण्डी व स्वागत समिति के सदस्य उपस्थित रहे।