किसानों ने चंडीगढ़ मोहाली बॉर्डर पर लगाया पक्का धरना
चंडीगढ़, 18 मई (टिंकू पंडित):-अपनी एकता के बल पर सिंघु बॉर्डर पर हुए किसान आंदोलन ने जहां केंद्र सरकार को झुका दिया था और अपनी मांगे मनवा कर ही रहे थे, वहीं इस बार पंजाब के किसान सड़क पर हैं। इस बार किसानों के निशाने पर पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार है। मोहाली बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों का कहना है कि धान की बुवाई के समय पर मतभेद व गेहूं की फसल पर बोनस जैसी मांगों को लेकर पंजाब के किसान CM भगवंत मान से मिल चुके हैं। मुख्यमंत्री की ओर से इन सभी मांगों को 10 दिन में पूरा करने का आश्वासन भी दिया था। परंतु उनमें से कोई भी मांग अभी तक पूरी नहीं की गई। जिस कारण मंगलवार को राज्य के 23 किसान संघो के संयुक्त मोर्चे ने चंडीगढ़ की तरफ कूच किया था। मगर पुलिस ने उन्हें चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर ही रोक दिया। तभी से किसान वही डेरा जमाए बैठे है और कल की रात भी उन्होंने सिंघु बॉर्डर पर लगाए मोर्चे की तरह मोहाली बॉर्डर पर सड़क पर ही बिताई है। इसी बीच सीएम मान ने कहा है कि वह भी एक किसान के बेटे हैं और किसानों की समस्याओं को समझते हैं उन्होंने कहा है कि किसानों की समस्या का हल बातचीत से निकल सकता है।
परंतु दूसरी तरफ किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं और बातचीत करने के लिए वह मुख्यमंत्री भगवान मान से मिलना चाहते हैं। परंतु कल भगवंत मान आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो केजरीवाल से मिलने दिल्ली गए हुए थे, जिस कारण उनकी मुलाकात किसानों से नहीं हो सकी। जिस कारण किसानों में आक्रोश बढ़ गया है। किसानों ने आज चेतावनी दी है कि जिस प्रकार वह पहले बैरिकेड तोड़कर यहां तक पहुंचे हैं, अब आगे के बैरिकेट्स को भी तोड़ते हुए वह मुख्यमंत्री भगवंत मान के घर का घेराव करेंगे। मोहाली बॉर्डर पर 1 दिन के जाम से ही मोहाली चंडीगढ़ ऑफिस व अन्य कामकाज के लिए आने जाने वाले लोग परेशान होने लगे हैं विशेषज्ञों का कहना है कि अगर भगवंत मान ने समझदारी से काम ना लिया तो दिल्ली के सिंघु बॉर्डर की तरह पंजाब में भी हालात खराब हो सकते हैं। सूत्रों से पता चला है कि पंजाब सरकार की ओर से किसान संगठनों को आज 12:00 बजे मीटिंग का समय दिया गया है और किसान संगठन 12:00 बजे मुख्यमंत्री भगवंत मान से मिलने के लिए जा रहे हैं।